बूमरैंग एम्प्लॉइज उन्हें कहा जाता है, जो उसी कंपनी में वापस काम करने आते हैं, जहां वे पहले काम कर चुके होते हैं। ये एम्प्लॉइज कंपनी के तौर-तरीकों को अच्छी तरह से जानते हैं। इसलिए कंपनी इन्हें प्राथमिकता से जॉब देती है। जानते हैं कि बूमरैंग एम्प्लॉई के तौर पर प्रोफेशनल मोर्चे पर किस तरह से मजबूत बना जा सकता है।
ट्रांसफॉर्मेशन को ट्रैक करें
जब आप कंपनी दुबारा ज्वॉइन करें तो कलीग्स से मिलें। पता करें कि कंपनी में क्या-क्या बदलाव हो चुके हैं। इससे आपको जानकारी मिलेगी और आपके कनेक्शन्स मजबूत होंगे। साथ ही सब लोगों तक मैसेज जाएगा कि आप वर्कप्लेस पर एक बार फिर सीरियसली काम में रुचि ले रहे हैं।
अनुभव पता करें
आपको कंपनी में पुराने कलीग्स से मिलना चाहिए और उनके अनुभवों को नोट करना चाहिए। ये भविष्य में आपके लिए काफी उपयोगी साबित हो सकते हैं। उन्हें भी अपने अनुभव जरूर शेयर करने चाहिए। दूसरों के अनुभव से सीखने वाला इंसान ही जीवन में सफल होता है।
तुलना न करें
आपको अपने पुराने और मौजूदा संस्थानों के बीच में तुलना नहीं करनी चाहिए। दोनों ही संस्थानों के प्रति सम्मान दिखाने से आपकी छवि में भी सुधार होता है। अगर आप तुलना करेंगे तो अनायास ही मौजूदा कंपनी के लिए गलत शब्द निकल सकते हैं। इसलिए तुलना के बजाय दोनों की ही तारीफ करें। नेगेटिव बातों से बचना चाहिए।
क्लीयर रहें
ज्यादातर कंपनी उन्हीं एम्प्लॉइज को वापस काम करने का ऑफर देती है, जो कंपनी के साथ कॅरियर लक्ष्यों को सही तरह से स्पष्ट करते हैं। कंपनी के कल्चर में फिट होने वाले और सीखने में रुचि दिखाने वाले लोगों को ही कंपनी वापस बुलाती है। जिन एम्प्लॉइज के अंदर शानदार लीडरशिप क्वालिटी होती है, उन्हें भी कंपनियां काफी पसंद करती हैं।
इनोवेशन को महत्व दें
बूमरैंग एम्प्लॉई से अपेक्षा की जाती है कि वह दूसरे संस्थान में काम करने के तरीकों की जानकारी मौजूदा कंपनी को भी देगा। बतौर बूमरैंग एम्प्लॉई आपको मौजूदा कंपनी में इनोवेशन पर जोर देना चाहिए। आपको कंपनी के फायदे लिए नए तरीकों पर जोर देना चाहिए। आप दूसरे संस्थान से जो चीजें सीखी हैं, उनका सदुपयोग मौजूदा कंपनी में करेंगे तो आपका बॉस भी आपसे काफी खुश होगा।
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