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Monday, August 2

जिसके अंदर इंद्रियों का संयम है, उन्हें देवता भी प्रणाम करते हैं : मुनि चंद्रयशविजयजी

नागदा जं.। बैल, हाथी और नदी अंकुश में है तो खतरा नहीं होता और श्रावक नियम और व्रत से बंधा है तो कोई खतरा नहीं है। दश कार्तिक सूत्र के अंदर कहा गया है, जिनके मन के अंदर प्राणी की रक्षा का भाव है, जिसके अंदर इंद्रियों का संयम है, जिसने पांचों इंद्रियों को जीता है

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